आजकल विटामिन B12 के बारे में काफी चर्चा हो रही है। इसे लेना चाहिए या नहीं? अगर न लें तो क्या होता है? विटामिन B12 किन चीजों से मिलता है? इन सभी सवालों पर मनन करते हुए यह लेख तैयार किया गया है। उम्मीद है कि यह लेख आपको पसंद आएगा।
विटामिन B12 क्या है?
विटामिन B12, B विटामिन की श्रेणी में आता है। यह एक पानी में घुलनशील विटामिन है, यानी यह पानी में डालने पर घुल जाता है। B12 का दूसरा नाम कोबालामिन है। यह विटामिन हमारा शरीर खुद नहीं बनाता, इसे हमें बाहर से लेना पड़ता है। यह ज्यादातर मांसाहारी खाद्य पदार्थों से मिलता है, जैसे कि मांस, मछली, अंडे, दूध और दूध से बने उत्पादों से। शाकाहारी खाद्य पदार्थों में विटामिन B12 बहुत कम मात्रा में या बिल्कुल भी नहीं होता। इस कारण जो लोग मांसाहार नहीं करते, उनमें B12 की कमी होने की संभावना अधिक रहती है।
शाकाहारी लोगों को यह विटामिन दूध से मिल सकता है। हमारी विटामिन B12 की दैनिक आवश्यकता 1.5 माइक्रोग्राम होती है। 250 मि.ली. दूध में लगभग 1 माइक्रोग्राम विटामिन B12 मिलता है। अगर आप रोज़ 250 से 500 मि.ली. दूध लेते हैं, तो आपकी B12 की जरूरत पूरी हो जाती है। लेकिन ज्यादातर लोग इतना दूध रोज़ नहीं पीते।
B12 की कमी के कारण कौन से लक्षण आ सकते हैं?
- याददाश्त कमजोर हो जाती है, एकाग्रता कम हो जाती है और भ्रम का अनुभव होता है। आपको बार-बार थकान महसूस होती है। अवसाद का अनुभव होता है। हाथ-पैरों में सूई चुभने जैसा महसूस होता है। मुंह में बार-बार छाले पड़ जाते हैं।
- आँखों के पीछे की नस (ऑप्टिक नर्व) को नुकसान हो सकता है, जिससे देखने में परेशानी हो सकती है।
- विटामिन B12 की कमी होने पर जीभ लाल हो जाती है और मुंह में छाले हो जाते हैं। अगर B12 के साथ फोलिक एसिड भी कम हो तो छाले ज्यादा हो सकते हैं। आपके हाथ पग के नाखून खुरदरे और नीले रंग के हो जाते हैं। आपके सिर के बाल झड़ने लगते हैं।
- शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा कम हो जाती है। हमारे शरीर में रक्त कणों के बनने के लिए B12 और फोलिक एसिड का पर्याप्त मात्रा में होना जरूरी है। B12 की कमी होने पर रक्त कण सही तरीके से नहीं बनते या वे बड़े आकार के बनते हैं। जिसकी वजह से वह रक्त कणों के टूटने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है।जिससे हीमोग्लोबिन की मात्रा कम हो जाती है। इसके कारण शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह ठीक से नहीं हो पाता, जिससे थकान महसूस होती है।
- हीमोग्लोबिन की कमी के कारण हृदय को भी पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, जिससे हृदय भी थकने लगता है और हृदय की धड़कनें तेज हो जाती हैं।
- B12 और फोलिक एसिड की कमी होने पर हमारी नसों (न्यूरॉन्स) को नुकसान पहुँचता है। आपके हाथ-पैरों में सूई चुभने जैसा या चींटियों के काटने जैसा महसूस होता है। अगर यह समस्या को लंबे समय तक ध्यान नहीं रखा जाए, तो हाथ-पैर सुन्न हो सकते हैं। B12 की कमी के कारण नसों के ऊपर की इंसुलेशन (माइलिन शीथ) कम हो जाती है। अगर इस कमी को पूरा नहीं किया जाता है, तो यह स्थायी नुकसान का कारण बन सकता है।
- विटामिन B12 की कमी के कारण pregnancy रहने में दिक्कत हो सकती है। गर्भ रहने के बाद भी वह गर्भ गिर जाने की संभावना ज्यादा बनती है।
- प्रेग्नेंसी के दौरान अगर विटामिन B12 और फोलिक एसिड की कमी हो तो गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। बच्चा विकलांग पैदा हो सकता है। कई बार रीढ़ की हड्डी का हिस्सा अधूरा रहता है (स्पाइना बिफिडा) या मस्तिष्क की खोपड़ी का या मस्तिष्क का विकास नहीं होता (एनेनसेफली)। इसे अंग्रेजी में न्यूरोलॉजिकल डिफेक्ट कहा जाता है।
- अगर विटामिन B12 की कमी हो तो सेक्स पावर भी घट जाती है, इसलिए विटामिन B12 का इस्तेमाल सेक्स पावर बढ़ाने के लिए भी किया जाता है।
विटामिन B12 की कमी के कारण कौन से हैं?
- अगर आपके आहार में विटामिन B12 पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलता, तो इसकी कमी हो सकती है। विटामिन B12 मुख्य रूप से नॉन-वेजिटेरियन स्रोतों से मिलता है, जैसे मांस, मछली, अंडे, और दूध एवं दूध से बने उत्पादों से। जो लोग शुद्ध शाकाहारी होते हैं और दूध भी नहीं पीते, उनमें विटामिन B12 की कमी होने की संभावना अधिक होती है। ऐसे में उन्हें विटामिन B12 की गोलियां लेना आवश्यक हो सकता है।
- कुछ लोगों में उनके पेट से हाइड्रोक्लोरिक एसिड कम निकलता है, और एक अन्य तत्व, इंट्रिंसिक फैक्टर (IF) भी कम बनता है. जिससे उनमें विटामिन B12 की कमी होने की संभावना बढ़ जाती है। हाइड्रोक्लोरिक एसिड और इंट्रिंसिक फैक्टर, दोनों ही विटामिन B12 के अवशोषण के लिए ज़िम्मेदार होते हैं।
हाइड्रोक्लोरिक एसिड, भोजन में प्रोटीन से जुड़े विटामिन B12 को अलग करने में मदद करता है, जबकि इंट्रिंसिक फैक्टर, अलग हुए विटामिन B12 को आंतों द्वारा अवशोषित करने में सहायता करता है। अगर आपके पेट के पैरिएटल सेल्स उम्र के साथ या अन्य कारणों से क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, तो हाइड्रोक्लोरिक एसिड और इंट्रिंसिक फैक्टर सही मात्रा में नहीं बनते, जिससे विटामिन B12 की कमी हो जाती है। इसके परिणामस्वरूप, आपकी हीमोग्लोबिन की मात्रा भी कम हो जाती है, जिसे अंग्रेजी में “पर्निशियस एनीमिया” कहा जाता है। - तीसरा, अगर आपके पेट या आंतों पर कोई सर्जरी हुई हो और उस हिस्से को निकाल दिया गया हो, तो भी विटामिन B12 की कमी होने की संभावना बढ़ जाती है। जिन लोगों को आंतों की बीमारियाँ होती हैं, उनमें भी B12 की कमी होने की संभावना ज्यादा होती है।
- उम्र के साथ, आपके पेट से हाइड्रोक्लोरिक एसिड का उत्पादन कम हो जाता है। इसके अलावा, अगर आप एसिडिटी कम करने के लिए दवाइयाँ लेते हैं, तो भी आपके शरीर में विटामिन B12 की कमी हो सकती है।
Vitamin B12 का नार्मल लेवल कितना होना चाहिए?
विटामिन B12 का सामान्य स्तर 160 से 950 पिकोग्राम प्रति मिलीलीटर (pg/mL) के बीच होना चाहिए।
यदि इसका स्तर 160 pg/mL से नीचे हो, तो इसे कम माना जाता है।
यदि किसी के शरीर में विटामिन B12 की कमी हो तो इसका उपचार किस तरह से किया जाता है?
जो लोग शाकाहारी हैं, उन्हें अपने आहार में दूध और डेयरी उत्पादों का सेवन बढ़ाना चाहिए, क्योंकि ये विटामिन B12 के अच्छे स्रोत हैं। जिन लोगों के शरीर में विटामिन B12 का अवशोषण सही से हो पाता है वो लोग विटामिन B12 गोली के रूप में ले सकते हैं। ये गोलियां चॉकलेट या आइसक्रीम की जैसी होती हैं। और इन्हें मुँह में जिह्वा के नीचेकी रख सकते हैं या खा सकते हैं। इन गोलियों की खुराक 750 माइक्रोग्राम से 1500 माइक्रोग्राम तक होती है। और इन्हें मेडिकल स्टोर से या डॉक्टर की पर्ची से प्राप्त किया जा सकता है।
जिन लोगों के आंतों में विटामिन B12 का अवशोषण नहीं हो पाता, उन्हें विटामिन B12 के इंजेक्शन लेने पड़ते हैं। शुरुआत में इंजेक्शन लेना अच्छा होता है. ताकि विटामिन B12 का स्तर सामान्य हो जाए। उसके बाद आप गोलियां ले सकते हैं।
शाकाहारी लोगों के खून में विटामिन B12 की कमी होने की संभावना अधिक होती है, इसलिए उन्हें नियमित रूप से एक विटामिन B12 की गोली लेनी चाहिए ताकि कमी से होने वाले नुकसान से बचा जा सके।
हमारा लीवर विटामिन B12 का भंडारण करता है, जो कि 2000 से 4000 माइक्रोग्राम तक हो सकता है। यदि आप बिल्कुल भी विटामिन B12 नहीं लें, तो भी कमी होने में तीन से पांच साल लग सकते हैं। जो लोग मांसाहारी होते हैं, उन्हें अपने आहार से पर्याप्त मात्रा में विटामिन B12 मिल जाता है, इसलिए उन्हें अतिरिक्त सप्लीमेंट लेने की आवश्यकता नहीं होती।
आशा है कि यह लेख आपको पसंद आया होगा। यदि पसंद आया हो तो इसे अधिक से अधिक लोगों को फॉरवर्ड करके जन कल्याण के इस कार्य में आप भी सहभागी बनें।यही शुभकामनाओं के साथ, आपका शुभचिंतक, डॉ. चिमनभाई पटेल। आप स्वस्थ रहें, निरोगी रहें, खुश रहें, ऐसी भगवान से प्रार्थना है।
प्रशंसा से बड़ा कोई विटामिन नहीं है। प्रशंसा से व्यक्ति के भीतर ऊर्जा का संचार होता है।
What is intrinsic factor?
A special protein, called intrinsic factor (IF), binds vitamin B12 so that it can be absorbed in the intestines. This protein is released by cells in the stomach. When the stomach does not make enough intrinsic factor, the intestine cannot properly absorb vitamin B12.
लेखक: डॉक्टर चिमन भाई पटेल.




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